कुंवारी साली को बस में


 दोस्तो, यह बात कुछ दिन पहले उस वक्त की है … जब मैं अपनी साली को बैंक का एग्जाम दिलाने के लिए उसे साथ लेकर गया था.




मैं पहले अपनी ससुराल के बारे में बता देता हूँ.


मेरे ससुर सरकारी कार्यालय में बाबू हैं और उनकी दो लड़कियां हैं. एक मेरी पत्नी और एक मेरी साली.


उनका कोई लड़का नहीं है.




मेरी शादी को लगभग 5 साल हो गए हैं और मेरी साली आशना मेरी वाइफ से केवल 2 साल छोटी है.


वह अभी भी कुंवारी है.




मेरी साली बैंक के एग्जाम की तैयारी कर रही थी और उसके एग्जाम का सेंटर दूसरे शहर में आया था.




मेरे ससुर जी को ऑफिस से छुट्टी नहीं मिलने की वजह से उन्होंने मुझे फोन करके कहा- आप आशना को एग्जाम दिला लाओ. मैंने आपका और उसका बस का टिकट करवा दिया है.




उन्होंने मुझे जाने का टाइम और डेट बता दी.


मैं और मेरी साली एग्जाम देने के लिए बस में बैठ गए. बस में जाने के बाद पता चला कि ससुर जी ने डबल स्लीपर टिकट करवाया है.


हम दोनों आराम से अपनी सीट पर लेट गए और बातें करने लगे.




कुछ देर बाद बस रवाना हो गई.


मैं और मेरी साली दोनों सो गए.




शायद आशना को नींद नहीं आ रही थी, जबकि मैं सो गया था.




कुछ देर बाद मेरी आंख खुली, तो मैंने देखा कि मेरी साली मेरी तरफ मुँह किए हुई लेटी है और उसकी टी-शर्ट उठ जाने से उसकी कमर दिख रही है.


मैं उसे देख कर गर्म हो गया और फिर नींद का नाटक करके साली की कमर पर हाथ रख दिया.




आशना ने कुछ नहीं कहा. इससे मुझमें और हिम्मत आ गई.


मैंने धीरे धीरे उसकी कमर को पकड़ कर उसके ऊपर एक पैर को भी रख दिया.


अब मैं बहुत ज्यादा गर्म हो गया था.




मुझे डर भी लग रहा था कि ये कहीं फट न पड़े.




फिर अचानक साली ने करवट बदल ली और वह अपने चूवतीड़ मेरी तरफ करके सो गई.


मैं फिर से डर के मारे रुक गया.




कुछ देर बाद साली ने अपने चूवतीड़ मेरे लमण्ड से टच कर दिए.


मैंने सोचा कि शायद आशना जग रही है और वह भी गर्म हो गई है.




फिर मैंने उसकी कमर पर हाथ रख कर उसे अपनी ओर खींचा, तो वह मेरे और करीब आ गई.


अब वह मेरा कड़क होता लमण्ड महसूस कर सकती थी. मैंने थोड़ी हिम्मत दिखाई और उसके बूब्स पर हाथ रख कर उन्हें मसलने लगा.




इस पर भी जब आशना ने कोई विरोध नहीं किया तो मैं समझ गया कि साली भी चुदवाने के लिए तैयार है.


मैंने बिना देरी किए उसकी पैंटी में हाथ डाल दिया. हाथ अन्दर गया तो पता चला कि उसकी चूवती पहले से ही गीली है.




मैंने उसको अपनी बांहों में कस लिया और पलटा कर लिप किस करने लगा.


आशना ने अभी भी अपनी आंखें नहीं खोली थीं.




मैंने उससे कहा- अब तो सब हो गया … आंखें खोल लो.


उसने कहा- मुझे शर्म आ रही है.




मैंने उसको धीरे धीरे सहलाना शुरू किया तो वह बहुत गर्म हो गई.


वह बोली- जीजू मुझे जन्नत की सैर करा दो.




मैंने भी बिना देर किए उसकी चूवती में उंगली करना चालू कर दिया. वह बहुत ज्यादा गर्म हो गई थी और चूवती बह रही थी.




बस में होने की वजह से हम सेमक्ष नहीं कर पा रहे थे … क्योंकि साली फर्स्ट टाइम सेमक्ष कर रही थी. यदि वह चिल्लाती तो मामला गड़बड़ हो सकता था.




दूसरी समस्या ये थी कि चूवती से खून निकलने से भी कुछ समस्या हो सकती थी.




यह सोच कर हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए.


मैंने उसके पजामे को घुटनों तक नीचे कर दिया उसने काले रंग की पैंटी पहन रखी थी.




मैंने जैसे ही उसकी पैंटी को नीचे किया, मुझे उसकी गोरी चूवती के दीदार हुए.


उसने चूवती की झांटें साफ कर रखी थीं.




उसकी गोरी चूवती पर नीली लाल रक्तवाहिकाएं दिख लग रही थी.


उसकी चिकनी चूवती देख कर मैं पागल हो गया लेकिन बस में क्या कर सकता था.




मैंने धीरे धीरे उसकी चूवती को चाटना शुरू किया तो साली भी पगलाने लगी.


वह मेरे सिर को अपनी चूवती में दबाने लगी.




थोड़ी देर बाद उसने मेरे लमण्ड को अंडरवियर से बाहर निकाला तो देख कर घबरा गई.


उसने तत्काल लमण्ड छोड़ दिया.




मैंने चूवती से मुँह हटा कर पूछा- क्या हुआ? केला क्यों छोड़ दिया?


वह बोली- जीजू, आपका तो बहुत बड़ा है.




मैंने कहा- हां तो क्या हुआ, बड़े से तो मजा भी ज्यादा आता है.




वह बोली- तो दीदी को तो बहुत मजा आता होगा?


मैंने उससे कहा- अब यह केला तेरी दीदी के साथ साथ तेरा भी हो गया है. तुझे भी ये खाने को मिलेगा. अभी तू इसे चूस कर मुझे भी मजा दे.


उसने मेरे लमण्ड को चूसना शुरू कर दिया.




मैं उसकी गोरी चूवती को चाट रहा था और वह मेरे लमण्ड के साथ आंड को भी चूस रही थी.




थोड़ी देर बाद हम दोनों फ्री हो गए.




कुछ मिनट बाद बस किसी ढाबे पर रुकी तो हम दोनों अपने हाथ मुँह साफ करके वापिस आकर सो गए.




मुझे नींद आ गई थी लेकिन मेरी साली अभी भी नहीं सोई थी.


जब मैं सो रहा था तो मुझे ऐसा लगा कि मुझे कोई छेड़ रहा है.




जैसे ही मैं जागा तो मैंने देखा कि मेरी साली मेरे लमण्ड को सहला रही थी.




मैंने कहा- नींद नहीं आ रही क्या?


उसने कहा- अभी मुझे आपने लमण्ड दिया ही नहीं, तो नींद कैसे आएगी?




मैंने कहा- सुबह तक रुको, होटल में चल कर खूब सेमक्ष करेंगे.


लेकिन वह बोली- मुझे तो अभी चाहिए.




मैंने कहा- अभी तुम्हारा फर्स्ट टाइम है अगर खून बाहर आ गया तो क्या करेंगे?


लेकिन वह नहीं मानी और मेरे लमण्ड को सहलाती रही.




धीरे धीरे मैं भी गर्म हो गया और लमण्ड भी सलामी देने लग गया.




अब मैंने कहा- अभी कंडोम भी नहीं है!


उसने कहा- आप अपना पानी मेरे मुँह में छोड़ देना.




इस तरह से जब वह नहीं मानी तो मैंने उसके लोअर और पैंटी को नीचे किया और उसके दोनों चूवतीड़ों के बीच में से लमण्ड को उसकी चूवती को फांकों के बीच सैट कर दिया.




फिर जैसे ही मैंने अपने लमण्ड को उसकी चूवती पर रगड़ा तो उसकी मां चुद गई … दर्द भरी आवाज निकल गई.




मैंने कहा- चुप रह, कोई सुन लेगा.


वह चुप हो गई.




मैंने फिर से अपने लमण्ड को धीरे से उसकी चूवती में डाला तो उसकी चूवती बहुत गर्म थी.




चूवती गीली होने की वजह से मेरा दाब लगने से आधा लमण्ड अन्दर चला गया.




उसने ‘उई मम्मी मर गई … आह जीजू … रुक जाओ.’ कहा.




जब उसने रुकने के लिए बोला और कहा- बहुत दर्द हो रहा है.


तो मैं रुक गया.




उसकी चूवती बस में किसी भी तरह से चुद नहीं सकती थी.


लफड़ा होने के सौ प्रतिशत चांस थे.




जब खुद उसको अपनी चूवती में हुए दर्द से इस बात का अहसास हुआ तो वह भी समझ गई कि पहले बार लमण्ड चूवती में लेना हंसी खेल नहीं है. इससे चूवती फट सकती है और मामला बिगड़ सकता है.




वह अब मान गई कि अभी चुवदावई नहीं करनी है, बस ऊपर ऊपर से रस झाड़ना ठीक है.




उसने लौड़े को मुठ मारनी शुरू कर दी और मैंने उसकी चूवती में उंगली करना शुरू कर दी.




कुछ देर में हम दोनों झड़ गए.




फिर हम दोनों ने प्लान बनाया कि एग्जाम होने के बाद दोनों मिलकर फुल नाइट सेमक्ष करेंगे.




उसके बाद हम दोनों सो गए.




दूसरे दिन उसने एग्जाम दिया और होटल में वापस आ गए.




शाम को वापसी की टिकट थीं तो मैंने कैंसल करवा दीं और ससुर को फोन करके बता दिया कि हम लोगों की बस छूट गई है और अब हमारी टिकट अगले दिन की हुई हैं.




ससुर के बाद मैंने अपनी पत्नी को भी बता दिया.


फिर एक होटल में मैंने कमरा बुक किया और साली को उस होटल में रोक कर मैंने साली की चुवदावई को सुहागरात के जैसे मनाने का प्रोग्राम बनाया.




मैं बाजार गया और साली के लिए एक शादी का जोड़ा लेकर आया और उसे सुहागन बनाने वाला सारा मेकअप का सामान भी लाया.


साथ ही मैंने उसके लिए एक सोने की अंगूठी भी ले ली.




फिर कुछ फूल आदि भी ले लिए.


ज्यादा फूल लाना जरा गड़बड़ हो सकता था और होटल वालों को भी शक हो सकता था तो मैंने कम फूल ही लिए.




बाद में मैं वापस होटल आने लगा तो नीचे से ही मैंने एक वेटर से कमरे में अंगूठी छोड़ कर सारा सामान भिजवाया और साली को फोन करके कहा- सामान भेज रहा हूँ. तुम तैयार हो जाओ, आज तुम्हारी सुहागरात है.




वह शरमा गई.




कुछ ही देर में उसके पास सामान पहुँच गया और वह कमरा सजाने के साथ साथ खुद को भी दुल्हन के जैसे सजाने संवारने लगी.




मैंने भी होटल के बार का रास्ता पकड़ा और वोदका के दो लार्ज पैग अन्दर पेल लिए.




अब मैं कमरे में जाने का इंतजार करने लगा. मैं वर्जिन टीन साली Xxx करने के लिए बेताब हो रहा था.




तभी साली का फोन आया- जीजू कहां रह गए, मैं रेडी हूँ. आप आ जाओ.


मैंने कहा- आज जीजू नहीं बुलाओ डार्लिंग … जानू बुलाओ ना!




वह हंस दी और पत्नी के अंदाज में बोली- अजी सुनते हो … आपकी बड़ी याद आ रही है. किधर रह गए … जल्दी से आओ ना!




पापा कसम, उसके इस अंदाज से मैं अन्दर तक हिल गया और मैंने एक चुम्मी लेते हुए कहा- बस जान अभी हाजिर हुआ. तुम्हारी याद में कुछ ले रहा था!




वह बोली- क्या ले रहे थे जान … मुझे भी तो बताओ!




मैंने कहा- तू पीना पसंद करे तो तेरे लिए भी ले आऊं?




वह बोली- आज तो हम तेरे हो गए सनम … जो मर्जी पिला दो. बस आ जाओ और कमरे को बस धक्का दे देना. आपकी जोरू आपकी सुहाग सेज पर आपका इंतजार करती मिलेगी.


मैं उसकी इस बात से अन्दर तक खुश हो गया.




फिर मैंने उसकी पिला दो वाली बात पर ध्यान दिया तो समझ गया कि बंदी दारू पीने की बात समझ गई है और खुद भी पीने की बात कर रही है.




मैंने वोदका का एक हाफ पैक कराया और कमरे की तरफ चल दिया.




जाते समय मैंने एक काम शक्ति बढ़ाने वाली गोली का सेवन किया और लमण्ड खड़ा करके कमरे के बाहर आ गया.




कमरे को धक्का दिया तो दरवाजा खुल गया.




अन्दर नीले रंग की धीमी रोशनी थी और मेरी साली सुहाग का लाल जोड़ा पहनी हुई सेज पर दुल्हन के जैसे घुटने मोड़ कर बैठी थी.




उसने लंबा सा घूँघट लिया हुआ था.




मैं बेहद खुश था.




मैंने उसके करीब बैठ कर उसका घूँघट उठाने के लिए हाथ बढ़ाया तो वह मादक आवाज में बोली- मुँह दिखाई नहीं दोगे जी!




झट से मैंने अपनी जेब से उसके लिए ली हुई सोने की अंगूठी निकाली और उसकी अनामिका में पहना दी.




फिर दुल्हन के लिबास में सजी हुई अपनी साली का घूँघट उठा कर देखा.




आह … वह गजब माल लग रही थी.




मैंने धीरे से उसके होंठों का बोसा लिया तो उसके मुँह से आह निकली और हम दोनों की जुबानें एक दूसरे से लड़ने लगीं.




कुछ ही देर में वह मेरे आगोश में एकदम नग्न थी.




मैंने देर न करते हुए साली के साथ Xxx 69 किया और चूवती को एक बार झाड़ दिया.




मेरा लमण्ड पत्थर हो गया था.


मैंने सोचा कि इसको ज्यादा दर्द न हो तो इसे एक पैग पिला देता हूँ.




मैंने उससे यह कहा तो वह फिल्मी अंदाज में बोली- जो चाहे पिला दो मेरे सरताज … आज आपकी लौंडी आपके सामने हर तरह से बिछने को तैयार है.




तब मैंने दो पैग बनाए और एक उसे पिला दिया, दूसरे पैग मैंने उसकी चूचियों और चूवती पर डाल डाल कर पी लिया.




अब उसकी टांगें फैला कर मैंने अपने मूसल को उसकी चूवती की दरार पर सैट कर दिया और बिना कुछ कहे उसकी चूवती में लमण्ड पेल दिया.




वह चिल्लाती, तब तक मैंने उसके मुँह को दबा दिया था और बिना रुके चार धक्के मारकर लमण्ड को पूरा अन्दर पेल दिया था.




वर्जिन टीन साली की चूवती की सील फट गई थी और खून बहना शुरू हो गया था.




कुछ ही देर बाद साली ने घर वाली बन कर मुझे चुवदावई का मजा देना शुरू कर दिया था.




उस रात मैंने साली को चार बार चोवदा.


सुबह के चार बजे तक चुवदावई समारोह चला था.




उसकी चूवती सूज कर कचौड़ी बन गई थी और वह बुखार में तपने लगी थी.


मैंने उसे दवा की गोली दिया और हम दोनों चिपक कर सो गए.


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

रूम वाली भाभी लड की आशिक थी sexy story in Hindi